सनातन धर्म में खरमास को बेहद अशुभ माना जाता है. ज्योतिषियों की मानें तो खरमास के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है.
इस बार खरमास 16 दिसंबर से शुरू होंगे और इसका समापन 16 जनवरी को होगा. यानी खरमास पूरे 1 महीने का होता है.
दिसंबर माह में खरमास की शुरुआत तब होगी जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे. जिसे धनु संक्राति के नाम से भी जाना जाता है.
खरमास के दौरान शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार आदि जैसे शुभ और मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है.
ज्योतिषियों की मानें तो खरमास शुरू होने में सिर्फ 17 दिन बाकी है. इसलिए, खरमास शुरू होने से पहले ही सभी शुभ और मांगलिक कार्य निपटा लें.
लेकिन, इन सभी मांगलिक कार्यों को करने के लिए कुछ मुहूर्त हैं. तो आइए जानते हैं उन मुहूर्तों के बारे में.
29 नवंबर को मृगशिरा नक्षत्र में कोई मांगलिक कार्य किया जा सकता है. 5 दिसंबर को पहला मुहूर्त रहेगा, इस दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा. ये भी शुभ माना जा रहा है.
6 दिसंबर (बुधवार), 7 दिसंबर (गुरुवार), 8 दिसंबर (शुक्रवार) और 9 दिसंबर (शनिवार) भी शुभ दिन रहेगा.
11 दिसंबर (सोमवार) को अनुराधा नक्षत्र और अमावस्या का संयोग है तो यह दिन भी शुभ है. 15 दिसंबर (शुक्रवार) को आखिरी मुहूर्त रहेगा.