हिंदू धर्म में खरमास को बहुत महत्व दिया गया है. इस बार खरमास की शुरुआत 14 मार्च से होने जा रही है और समापन 13 अप्रैल को होगा.
खरमास की शुरुआत उस दिन से होती है जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं. यानी सूर्य का मीन में गोचर होता है. इसलिए, इसे मीन संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है.
मान्यता के अनुसार, खरमास के शुरू होते ही सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. साथ ही खरमास में इस बार 17 मार्च को होलाष्टक भी शुरू हो रहा है.
खरमास के महीने से विवाह, गृहप्रवेश, घर बनाने जैसे नव निर्माण, प्रतिष्ठान, मुंडन जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक जाएगी.
साल में दो बार खरमास लगता है. पहला जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं और दूसरा जब मीन राशि में प्रवेश करते हैं. दरअसल, खरमास में सूर्य का तेज बृहस्पति में प्रवेश करते ही कमजोर हो जाता है.
14 मार्च को सूर्य मीन राशि में दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर प्रवेश करेंगे. इसी समय से खरमास की शुरुआत हो जाएगी.
खरमास के इस महीने में दान, जप, तप करना सबसे ज्यादा उत्तम माना जाता है. साथ ही खरमास के पूरे महीने में भगवान सूर्य की उपासना जरूर करें.
इसके अलावा खरमास के महीने में ब्राह्मण, गुरु, गाय और साधु-सन्यासियों की सेवा करने का भी विशेष महत्व बताया गया है.