6 Dec 2024
aajtak.in
हिंदू धर्म में खरमास को बहुत महत्व दिया गया है. इस बार खरमास की शुरुआत 15 दिसंबर से होने जा रही है और समापन 14 जनवरी 2025 को होगा.
खरमास की शुरुआत उस दिन से होती है जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं. यानी सूर्य का धनु में गोचर होता है. इसलिए, इसे धनु संक्रांति या खरमास के नाम से भी जाना जाता है.
मान्यता के अनुसार, खरमास के शुरू होते ही सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है.
खरमास के महीने से विवाह, गृहप्रवेश, घर बनाने जैसे नव निर्माण, प्रतिष्ठान, मुंडन जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी.
साल में दो बार खरमास लगता है. पहला 15 दिसंबर को यानी उस दिन सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे और दूसरा जब मीन राशि में प्रवेश करते हैं. दरअसल, खरमास में सूर्य का तेज बृहस्पति में प्रवेश करते ही कमजोर हो जाता है.
15 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में रात 9 बजकर 56 मिनट पर प्रवेश करेंगे. इसी समय से खरमास की शुरुआत हो जाएगी.
खरमास के इस महीने में दान, जप, तप करना सबसे ज्यादा उत्तम माना जाता है. साथ ही खरमास के पूरे महीने में भगवान सूर्य की उपासना जरूर करें.
इसके अलावा खरमास के महीने में ब्राह्मण, गुरु, गाय और साधु-सन्यासियों की सेवा करने का भी विशेष महत्व बताया गया है.