20 Oct 2024
By: Aajtak.in
आज पूरे देश में करवा चौथ का त्योहार धूम-धाम से मनाया जा रहा है. यह सुहागिन स्त्रियों का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है.
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इस दिन शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जल व्रत रखती हैं. इसके साथ ही वह भगवान गणेश और मां गौरी की पूजा करके सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं.
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शास्त्रों में करवा चौथ के दिन व्रत खोलने से पहले करवे से रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने का विधान है.
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करवा चौथ के दिन मिट्टी के करवे से अर्घ्य देना बहुत ही शुभ माना जाता है. हालांकि, बाजार में अलग अलग धातुओं से बने करवे भी मौजूद हैं.
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दरअसल, मिट्टी का करवा पंचतत्व का प्रतीक होता है. मिट्टी के करवे से अर्घ्य देना सबसे शुभ होता है.
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इस करवे को मिट्टी और पानी मिलाकर बनाया जाता है, जिसे भूमि और जल का प्रतीक माना जाता है.
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करवे को आकार देने के बाद धूप और हवा में रखा जाता है, जिसे आकाश और वायु का प्रतीक माना जाता है. अंत में इसे आग में तपाकर पक्का किया जाता है, जो अग्नि का प्रतीक माना जाता है.
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ऐसे में करवा चौथ के दिन मिट्टी के करवे से पानी पिलाकर पति-पत्नी अपने प्रेम में परमात्मा को साक्षी बनाते हैं.
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शास्त्रों के अनुसार, आप भी मिट्टी के करवे से अर्घ्य देकर अपने रिश्ते को और मजूबत बनाएं.
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आज (20 अक्टूबर) च्रंदोदय का समय 7:54 मिनट है.
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