By: Sumit Kumar

लोहड़ी पर क्यों सुनी जाती है दुल्ला भट्टी की कहानी?

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मकर संक्रांति से पहले लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है. लोहड़ी फसलों की बुआई और उनकी कटाई से जुड़ा पर्व है.

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लोहड़ी का त्योहार इस साल शनिवार, 14 जनवरी को मनाया जाएगा. हरियाणा और पंजाब में इसे बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.

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लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने की परंपरा है. क्या आप जानते हैं, दुल्ला भट्टी कौन था और लोहड़ी पर इनकी कहानी क्यों सुनी जाती है.

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लोहड़ी के दिन आग के पास घेरा बनाकर दुल्ला भट्टी की कहानी सनने की परंपरा है. इसके पीछे एक बेहद दिलचस्प वजह है.

क्यों सुनते हैं दुल्ला भट्टी की कहानी

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ऐसा कहते हैं कि अकबर के शासन के वक्त पंजाब में दुल्ला भट्टी नाम का एक शख्स रहता था. इन्हें गरीबों का रॉबिनहुड कहते थे.

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उस दौर में कुछ अमीर व्यापारी सामान के बदले शहर की लड़कियों को बेचा करते थे. तब दुल्ला भट्टी ने उन लड़कियों को बचाकर शादी करवाई थी.

लोहड़ी पर नई फसल की पूजा के बाद रात में लकड़ियों का ढेर लगाकर आग लगाते हैं और उसमें तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी, मूंगफली डालते हैं.

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इस आग की परिक्रमा करते हुए पुरुष भांगड़ा और महिलाएं गिद्दा करती हैं. हर साल इसी तरह लोहड़ी का जश्न मनाया जाता है.

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