माघ का पवित्र महीना चल रहा है. इसका समापन 16 फरवरी को होगा.
माघ के महीने की शुरुआत के साथ ही मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते हैं.
इस महीने में पवित्र नदियों में स्नान और दान का विशेष महत्व माना जाता है.
इस महीने में संगम पर कल्पवास भी किया जाता है. इससे आत्मा शुद्ध हो जाती है.
माघ के महीने में खान-पान और जीवनचर्या में कुछ बदलाव करना शुभ माना जाता है.
गर्म पानी को धीरे- धीरे छोड़कर सामान्य जल से स्नान करना शुरू कर देना चाहिए.
इस महीने में सुबह देर तक सोना तथा स्नान न करना भी उत्तम नहीं माना जाता है.
इस महीने में तिल और गुड़ का प्रयोग विशेष लाभकारी होता है.
इस माह में अगर केवल एक समय भोजन किया जाय तो आरोग्य और एकाग्रता की प्राप्ति होती है.
माघ के महीने में नित्य प्रातः भगवान कृष्ण को पीले फूल और पंचामृत अर्पित करें.
मधुराष्टक का पाठ करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं.