नागा साधुओं के 7 सबसे कठोर नियम, आम आदमी की सोच से एकदम परे

9 Jan 2025

AajTak.In

10 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ मेला लगने वाला है. महाकुंभ की भीड़ में नागा साधुओं की टोली सबसे ज्यादा लोगों का ध्यान आकर्षित करती है.

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हमेशा नग्न रहने वाले नागा साधुओं का संकल्प और दैनिक जीवन के नियम बहुत ही कठोर होते हैं. आइए इनके कुछ खास नियम आपको बताते हैं.

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1.  संप्रदाय से जुड़े साधुओं का संसार और गृहस्थ जीवन से कोई लेना-देना नहीं होता. इनका जीवन गृहस्थ जीवन से 100 गुना ज्यादा कठिन होता है

नागा साधुओं के नियम

2. नागा साधु त्रिशूल, डमरू, रुद्राक्ष, तलवार, शंख, कुंडल, कमंडल, कड़ा, चिमटा, चिलम के अलावा भभूत आदि रखते हैं.

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3. नागा साधु सुबह 4 बजे उठकर नित्य क्रिया व स्नान के बाद श्रृंगार करते हैं. इसके बाद हवन, ध्यान, प्राणायाम, कपाल क्रिया व नौली क्रिया करते हैं.

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4. नागा बाबा पूरे दिन में एक बार शाम को भोजन करते हैं. इनका अभिवादन मंत्र 'ॐ नमो नारायण' है. भगवान शिव इनके लिए सर्वोपरि हैं.

5. नागा अखाड़े के आश्रम और मंदिरों में रहते हैं. कुछ तप के लिए हिमालय या ऊंचे पहाड़ों की गुफाओं में जीवन बिताते हैं.

6. अखाड़े के आदेशानुसार यह पैदल भ्रमण भी करते हैं. इसी दौरान किसी गांव की मेड़ पर झोपड़ी बनाकर धुनी भी रमाते हैं. 

7. नागा मंडली में नए सदस्य एक लंगोट के अलावा कुछ नहीं पहनते. कुंभ में अंतिम प्रण लेने के बाद वो लंगोट भी त्याग देते हैं और सारा जीवन नग्न रहते हैं.

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