18 Feb 2025
Aajtak.in
26 फरवरी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा. भगवान शिव को समर्पित इस पर्व पर विधिवत पूजन से मन की हर इच्छा पूरी हो जाती है.
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हालांकि बहुत से लोग हर महीने आने वाली मासिक शिवरात्रि और साल में एक बार पड़ने वाली महाशिवरात्रि के बीच का अंतर नहीं जानते हैं.
हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आने वाली शिवरात्रि को मासिक शिवरात्रि कहा जाता हैं. साल में कुल 12 मासिक शिवरात्रि आती हैं.
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इनमें भी सावन माह में आने वाली मासिक शिवरात्रि का महत्व खास होता है. कहते हैं कि इस दिन शिवजी ने हलाहल विष को कंठ में धारण किया था.
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सावन की मासिक शिवरात्रि का पर्व हमें शिव के अंश और एक दिन उनमें ही मिल जाने का बोध कराता है.
अब बात आती है मासिक शिवरात्रि की. फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है.
ऐसी मान्यताएं हैं कि इसी दिन भगवान शिव ने माता पार्वती के साथ विवाह रचाया था. यही एक वजह महाशिवरात्रि को खास बनाती है.
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सावन शिवरात्रि और महाशिवरात्रि के दिन महादेव के मंदिरों में भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ जुटती है और शिवलिंग का जलाभिषेक करती है.
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इस दिन भोलेनाथ के भक्त शिवलिंग का गंगाजल, दूध, दही और शहद से अभिषेक करते हैं. व्रत धारण करके उनके विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं.