10 JAN 2025
aajtak.in
13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आगाज होने जा रहा है. महाकुंभ को लेकर लगभग सभी तैयारियां हो चुकी हैं.
महाकुंभ मेले में देश-विदेश हर जगह से श्रद्धालु आते हैं. माना जाता है कि महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम में डुबकी करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं.
महाकुंभ में शाही स्नान का विशेष महत्व होता है. महाकुंभ में 6 शाही स्नान किए जाते हैं और इस बार महाकुंभ का पहला शाही स्नान 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के दिन होगा.
तो चलिए जानते हैं कि महाकुंभ का पहला शाही स्नान किस शुभ मुहूर्त में किया जाएगा, उसका महत्व क्या है और क्या इसके नियम है.
महाकुंभ का पहला शाही स्नान 13 जनवरी को होगा. इस दिन पूर्णिमा की तिथि 13 जनवरी को सुबह 5:03 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 14 जनवरी को रात 3:56 मिनट पर होगा.
कुंभ का स्नान करना ब्रह्म मुहूर्त में शुभ माना जाता है. ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:27 मिनट से लेकर 6:21 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा गोधूलि मुहूर्त में भी शाही स्नान किया जा सकता है जिसका मुहूर्त शाम 5:42 मिनट से लेकर शाम 6:09 मिनट तक रहेगा.
कुंभ या महाकुंभ के दौरान किए जाने वाला कोई भी स्नान या फिर शाही स्नान बेहद फलदायी और शुभ माना जाता है.
माना जाता है कि कुंभ मेले में शाही स्नान करने से व्यक्ति को इस जन्म के साथ साथ पिछले जन्म के पाप कर्मों से भी छुटकारा मिलता है. साथ ही, पितृ शांति और मोक्ष के लिए महाकुंभ में किया गया शाही स्नान बेहद महत्वपूर्ण माना गया है.