भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थापित हैं. कहते हैं कि इन 12 स्थानों पर भगवान शिव स्वयं विराजमान हैं.
सोमनाथ भारत का सबसे प्रसिद्ध और बड़ा ज्योतिर्लिंग है. गुजरात स्थित सोमनाथ भक्तों की श्रद्धा का प्रमुख केंद्र है.
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में स्थित है. ये देश का दूसरा प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग है. इसकी कहानी गणेश-कार्तिकेय के विवाह से जुड़ी है.
महाकालेश्वर भारत का तीसरा प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग है. ये ज्योतिर्लिंग उज्जैन की रूद्र सागर झील के पास बना हुआ है.
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश में स्थित है. ये ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के पास शिवपुरी द्वीप पर है. ओंकारेश्वर का अर्थ है- ओंकारेश्वर का भगवान
ये प्रसिद्ध वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड में स्थित है. यहां पूजा करने से भक्तों के सभी कष्टों का निवारण हो जाता है.
ये ज्योतिर्लिंग पुणे के शहाद्रि इलाके में स्थित है. इस ज्योतिर्लिंग की कहानी कुंभकरण के पुत्र भीमा से जुड़ी है.
तमिलनाडु में स्थित इस ज्योतिर्लिंग को रामायण से जोड़कर देखा जाता है. श्रीराम ने यहीं मिट्टी से एक शिवलिंग का निर्माण किया था.
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है. इसका निर्माण अहिल्याबाई होलकर ने करवाया था.
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग कृष्ण नगरी द्वारका में स्थित है. ऐसा कहते हैं कि ये ज्योतिर्लिंग सभी तरह के जहर के प्रभाव से मुक्त है.
वाराणासी में गंगा के पास स्थित ये एक विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग है. जो इंसान जीवन की आखिरी सांस यहां लेता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की बहुत मान्यता है. ऐसा कहा जाता है कि गोदावरी नदी का अस्तित्व भी इस ज्योतिर्लिंग के वजह से हुआ है.
केदारनाथ चार धाम में सबसे प्रमुख माना जाता है. केदारनाथ में स्वयं भोलेनाथ वास करते हैं. यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है.