By: Sumit Kumar

शिवलिंग पर क्यों नहीं चढ़ाते सिंदूर, हल्दी और तुलसी?


महाशिवरात्रि 18 फरवरी को है. क्या आपको पता है, शिवजी को कभी सिंदूर, हल्दी या तुलसी दल नहीं चढ़ाते हैं. आइए इसकी वजह जानते हैं.


हिंदू धर्म में महिलाएं सिंदूर को अपने पति की लंबी उम्र के लिए लगाती हैं, जबकि भगवान शिव का एक रूप संहार करने वाला माना जाता है.

क्यों नहीं चढ़ाते हैं सिंदूर?


संहारक स्वरूप के चलते ही शिवलिंग पर सिंदूर चढ़ाना वर्जित माना गया है. महाशिवरात्रि पर शिव या शिवलिंग पर भूलकर भी सिंदूर न चढ़ाएं.


शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक है और हल्दी का संबंध स्त्रियों से होता है. इसीलिए भोलेनाथ को हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए.

क्यों नही चढ़ाते हल्दी?


पूर्वजन्म में तुलसी राक्षस कुल में जन्मी थीं. उनका नाम वृंदा था. वो भगवान विष्णु की परम भक्त थी. उसका विवाह दानव राज जलंधर से हुआ था.

क्यों नहीं चढ़ाते तुलसी?


एक बार जब जलंधर देवताओं से युद्ध कर रहा था तो वृंदा के व्रत के प्रभाव से जलंधर हार नहीं रहा था. तब शिवजी ने ही उसका वध किया था.


अपने पति की मृत्यु से क्रोधित होकर उन्होंने शिवजी को ये श्राप दिया था कि उनकी पूजा में कभी तुलसी दल का उपयोग नहीं किया जाएगा.


शंखचूड़ एक महापराक्रमी दैत्‍य था, जिसका वध स्वयं भगवान श‍िव ने किया था. तभी से शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाया जाता है.

शंख से नहीं चढ़ाते जल