महाशिवरात्रि पर पूजन का रहेगा ये खास मुहूर्त, बनने जा रहे हैं ये शुभ योग

महाशिवरात्रि हिंदू परंपरा का एक बहुत बड़ा पर्व है. इस त्योहार को चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है. 

मानते हैं कि इस दिन शिव जी का प्राकट्य हुआ था. इसके अलावा शिवजी का विवाह भी इसी दिन माना जाता है. महाशिवरात्रि के दिन महादेव की उपासना से व्यक्ति को सुख प्राप्त हो सकता है. 

इस बार महाशिवरात्रि 8 मार्च, शुक्रवार को मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि पर व्रत, उपवास, मंत्र जप और रात्रि जागरण का विशेष महत्व होता है. 

महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि इस बार 8 मार्च को रात 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी और समापन 9 मार्च को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर होगा. महाशिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाती है. 

महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त

निशिता काल पूजन रात को 12:07 मिनट से लेकर 12:56 मिनट तक. प्रथम पहर पूजन का समय शाम 6:25 मिनट से लेकर रात 9:28 मिनट तक. 

महाशिवरात्रि पूजन समय

दूसरे पहर का पूजन रात 9:28 मिनट से अगले दिन 9 मार्च को रात 12:31 मिनट तक. तीसरे पहला का पूजन रात 12:31 मिनट से लेकर रात 3:34 मिनट तक. चौथे पहर का पूजन रात 3:34 मिनट से सुबह 6:37 मिनट तक. 

शिवरात्रि पर हर तरह की मनोकामना पूरी हो सकती है. इस बार की शिवरात्रि पर ग्रह राशियों में होंगे. चंद्र गुरु मिलकर परस्पर गजकेसरी योग का निर्माण करेंगे. जिससे धन संबंधी समस्याएं समाप्त होंगी. 

महाशिवरात्रि इस बार है खास

महाशिवरात्रि पर शुक्र प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का संयोग बनने रहा है. इन त्योहारों पर भी भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना की जाती है. 

महाशिवरात्रि पर शुभ संयोग

इस दिन स्नान करके शिवपूजा का सबसे पहले संकल्प लें. इसके बाद भगवान शिव को जल अर्पित करें. फिर पंचोपचार पूजन करके शिवजी के मंत्रों का जाप करें. इस दिन रात में शिव मंत्रों के अलावा रुद्राष्टक तथा शिव स्तुति का पाठ करें. 

महाशिवरात्रि पूजन विधि

महाशिवरात्रि पर 4 पहर की पूजा होती है. पहले पहर में दूध, दूसरे में दही, तीसरे पहर में घी और चौथे पहर में शहद से पूजन करें. हर पहर में जल का प्रयोग करना चाहिए. 

चार पहर की पूजन विधि