23 FEB 2025
aajtak.in
महाशिवरात्रि हिंदू परंपरा का एक बहुत बड़ा पर्व है. इस त्योहार को चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है.
मानते हैं कि इस दिन शिव जी का प्राकट्य हुआ था. इसके अलावा शिवजी का विवाह भी इसी दिन माना जाता है. महाशिवरात्रि के दिन महादेव की उपासना से व्यक्ति को सुख प्राप्त हो सकता है.
इस बार महाशिवरात्रि 26 फरवरी, बुधवार को मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि पर व्रत, उपवास, मंत्र जप और रात्रि जागरण का विशेष महत्व होता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार महाशिवरात्रि पर भद्रा का साया भी रहने वाला है.
ज्योतिषियों की मानें तो, महाशिवरात्रि पर इस बार भद्रा का साया रहने वाला है. इस दिन भद्रा का साया सुबह 11:08 मिनट पर शुरू होगा और समापन रात 10:05 मिनट पर होगा. लेकिन, इस बीच आप महादेव का पूजन भी कर सकते हैं.
महाशिवरात्रि पर भद्रा का साया करीब 11 घंटे का रहेगा. लेकिन, इस बीच आप महादेव का पूजन कर सकते हैं क्योंकि भद्रा लगने के बाद मांगलिक कार्यों पर रोक होती है न कि भगवान की पूजा पर.
महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि इस बार 26 फरवरी को सुबह 11:08 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 27 फरवरी को सुबह 8:54 मिनट पर होगा. महाशिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाती है.
महाशिवरात्रि के दिन निशित काल का समय 27 फरवरी को रात 12:09 मिनट से लेकर 12:59 मिनट तक रहेगा. प्रथम प्रहर पूजन का समय शाम 6:19 मिनट से लेकर रात 9:26 मिनट तक रहेगा.
दूसरा पहर रात 9:26 मिनट से अर्धरात्रि 12:34 मिनट तक, तीसरा पहर अर्धरात्रि 12:34 मिनट से सुबह 3:41 मिनट तक और चौथा पहर सुबह 3:41 मिनट से 6:48 मिनट तक.
इस दिन सुबह 6 बजकर 47 बजे से सुबह 9 बजकर 42 बजे तक जल चढ़ाया जा सकता है. इसके बाद मध्यान्ह काल में भी सुबह 11 बजकर 06 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 बजे तक जल चढ़ाया जा सकता है.
फिर, दोपहर 3 बजकर 25 बजे से शाम 6 बजकर 08 बजे तक भी जलाभिषेक किया जा सकता है. और आखिरी मुहूर्त रात में 8 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगा और रात 12 बजकर 01 बजे तक रहेगा.