सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना मकर संक्रांति कहलाता है. मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं. इस दिन स्नान, दान, जप और तप का खास महत्व है.
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उत्तरायण को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा गया है. आइए जानते हैं कि मकर संक्रांति कब है और इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है.
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पंचांग के अनुसार, 15 जनवरी को देर रात 02.54 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे. उदिया तिथि के चलते मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी.
मकर संक्रांति की पूजा पुण्य या महापुण्य काल में करना शुभ होता है. 15 जनवरी को पुण्यकाल सुबह 07.15 बजे से शाम 06.45 तक रहेगा.
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जबकि मकर संक्रांति पर महा पुण्यकाल सुबह 07.15 बजे से सुबह 09.06 बजे तक रहेगा. महा पुण्यकाल में इसकी पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है.
मकर संक्रांति के दिन सुबह पूजा स्थल की साफ-सफाई कर लें. इसके बाद अगर संभव हो तो आसपास किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करें.
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पीले रंग के वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें. इसके बाद सूर्य चालीसा पढ़े और आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें.
अंत में आरती करें और अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा दें. इस दान में आप गुण, तिल, घी, गर्म कपड़े या अन्न का दान करें.