सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहा जाता है. मकर संक्रांति साल की सबसे बड़ी और विशेष संक्रांति होती है.
15 जनवरी को सूर्य देर रात 02 बजकर 54 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इसलिए मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी.
मकर संक्रांति पुण्यकाल में मनाना श्रेष्ठ माना गया है. इसलिए 15 जनवरी को सुबह 07.14 बजे से शाम 05.45 बजे तक स्नान, ध्यान और दान का प्रयास करें.
ज्योतिषविदों का कहना है कि मकर संक्रांति पर कुछ विशेष उपाय करने से दरिद्रता दूर होती है और सुख-संपन्नता बढ़ती है.
1. मकर संक्रांति पर सुबह स्नानादि के बाद सूर्य को अर्घ्य दें. फिर सूर्य और शनि के मंत्रों का जाप करें. गीता का पाठ भी करें. दरिद्रता कभी घर में पांव नहीं पसारेगी.
2. मकर संक्रांति पर पुण्यकाल में अन्न, कम्बल, गुड़, तिल और घी का दान करें. पुण्य काल सुबह 7.14 बजे से शाम 5.45 तक रहेगा.
3. मकर संक्रांति पर एक पीपल का पौधा लगवा देना चाहिए. भोजन में खिचड़ी बनाएं. भगवान को इसका भोग लगाएं और प्रसाद के रूप में बांटें.
4. गाय में देवी-देवताओं का वास होता है. इसलिए मकर संक्रांति के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं. इससे घर में लक्ष्मी सहित 33 देवी-देवता विराजमान होंगे.