18 जुलाई से मलमास लग गया है. इसे अधिक मास या पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं. मलमास में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं.
जाने-माने कथावाचक राजेंद्र दास महाराज कहते हैं कि मलमास में एक विशेष उपाय करने से कर्ज और व्यापार से जुड़ी समस्या दूर होती है.
कथावाचक का कहना है कि पुरुषोत्तम मास को स्वयं भगवान विष्णु ने अपना नाम दिया है. इसलिए इस माह श्री हरि की विशेष कृपा रहती है.
अगर सिर से कर्ज का बोझ न उतरे या व्यापार ठप पड़ जाए तो मलमास में एक खास उपाय से इन परेशानियों को दूर किया जा सकता है.
दीप दान से लक्ष्मी वृद्धि होती है. और पुरुषोत्तम मास में विधि पूर्वक दीप दान करने से संकट के सारे बदल छंट जाते हैं.
यह एक उपाय कर लेने से कर्जों का बोझ, आर्थिक तंगी और व्यापार में आ रही अड़चनें खुद-ब-खुद दूर हो जाती हैं.
वेदों में जितने कर्म हैं, जितने दान हैं, उन सबका पुण्य साथ मिलकर भी पुरुषोत्तम मास में किए दीप दान की बराबरी नहीं कर सकता.
संपूर्ण तीर्थों पर स्नान और शास्त्रों का मूल पारायण करने के बाद भी पुरुषोत्तम मास में दीप दान के 16वें अंश की बराबरी नहीं हो सकती.
वेदों के अभ्यास से लेकर गया में श्राद्ध तक, किसी का पुण्य पुरुषोत्तम मास में किए दीप दान की बराबरी नहीं कर सकता है.
इतना ही नहीं, सूर्य और चंद्र ग्रहण में किया गया दान भी पुरुषोत्तम मास में किए दीप दान के 16वें अंश की बराबरी नहीं कर सकता है.