वृंदावन में प्रवचन देने वाले प्रेमानंद जी महाराज ने हाल ही में मंदिर में जाकर VIP दर्शन करने को लेकर अपनी राय रखी है.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं, ''अगर रुपये के बल से किसी का आदर हो रहा है तो वहां आदर नहीं सिर्फ माया ही है. वहां ना भगवान है और ना भगवान का भक्त है. साथ ही वो लोग दर्शन का सुख भी नहीं प्राप्त कर पाते हैं.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं, '' एक आदमी जो लाइन में खड़ा धक्का खा रहा है और धक्का खाते हुए जब वह भगवान के आगे पहुंचा तो वो व्यक्ति आंसू भरकर भगवान की तरफ देख रहा है तो वह भगवान के दर्शन पा रहा है.
महाराज जी आगे बताते हैं, " जहां रुपये का महत्व है वहां ठाकुर दर्शन नहीं होते हैं और ना अध्यात्म सुनकर बदलाव होता है.
जहां रुपये की महिमा है, वहां भगवान के भक्ति की महिमा नहीं होती है.
प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि, ''भगवती माया का सिक्का हर जगह है, जहां बात ना बनती हो वहां गड्डी निकालो. ''
लेकिन, एक जगह पैसों से बात नहीं बनेगी और वो जगह है ठाकुर जी और ठाकुर जी के प्रेमी जनों के पास.
प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि अगर तुम्हारा रुपये के बल से हर काम बन रहा है तो वो सिर्फ मायाजनित काम ही बनेगा.
प्रेमानंद महाराज जी आगे कहते हैं कि माया का महत्व और भक्ति का महत्व बिल्कुल अलग होता है जो ये महत्व समझ लेता है, उनपर ठाकुर जी अपनी कृपा भी बरसाते हैं.