मार्गशीर्ष पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन व्रत, पूजा से भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है.
Pic Credit: imouniroy Instagramमान्यता है कि इस दिन दान पुण्य करने पर अन्य पूर्णिमा के मुकाबले 32 गुना ज्यादा पुण्य प्राप्त होता है.
Pic Credit: imouniroy Instagramधार्मिक महत्व की वजह से इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा होती है.
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मार्गशीर्ष पूर्णिमा की शुरुआत 18 दिसंबर को हो रही है. पूर्णिमा का चांद इसी दिन दिखेगा. व्रत इसी दिन रखेंगे.
पूर्णिमा का समापन 19 दिसंबर की सुबह 10 बजकर 05 मिनट पर होगा. यह दान पुण्य के लिए बेहतर वक्त होगा.
Pic Credit: imouniroy Instagramपूर्णिमा वाले दिन सुबह उठकर भगवान सत्यनारायण का ध्यान करना चाहिए.
Pic Credit: imouniroy Instagramसुबह स्नान के बाद सफेद कपड़े पहनना चाहिए, जिसके बाद आचमन करें.
Pic Credit: imouniroy Instagramइसके बाद ऊँ नमोः नारायण मंत्र का आह्वान करें और विधि-विधान से पूजा करें.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा वाली रात में भगवान नारायण की मूर्ति के पास ही सोना चाहिए.
Pic Credit: imouniroy Instagramव्रत के दूसरे दिन गरीबों और ब्राह्मण को भोजन कराएं. साथ दान-दक्षिणा भी करना चाहिए.
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