26 feb 2025
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आज महाशिवरात्रि पर प्रयागराज महाकुंभ का आखिरी शाही स्नान है. ऐसे में करोड़ों लोग स्नान के लिए पहुंचे हैं. साथ ही नागा साधु भी आखिरी अमृत स्नान करके यहां से काशी के लिए रवाना हो जाएंगे.
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महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी निरंजनी अखाड़ा के पीठाधीश्वर हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि नागाओं को महाकुंभ का निमंत्रण कैसे मिलता है.
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कुछ समय पहले उनसे एक इंटरव्यू में पूछा गया, 'नागाओं को निमंत्रण कौन देता है? वो किस सूचना के माध्यम से वो कुंभ में आते हैं?'
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इस सवाल का जवाब देते हुए महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी कहते हैं, 'यह एक बड़ा विषय है. कुंभ का विषय, कुंभ का नेतृत्व, कुंभ की सूचना, कुंभ का निमंत्रण ईश्वर उन नागाओं को देता है. क्योंकि नागा सबसे बड़े साधक होते हैं.'
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'उन्हें निमंत्रण ईश्वर देता है कि अब कुंभ का समय आ गया, आपको चलना चाहिए.'
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'उनको कुंभ का ज्ञान रहता है क्योंकि बहुत ऐसे नागा हैं जिनके पास कोई मोबाइल नहीं है, कोई फोन नहीं है, कोई साधना नहीं है, कोई साधन नहीं है. कोई आश्रम नहीं है.'
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'वो कुटी में जाकर के अपने जंगलों में तप करते हैं, भजन करते हैं और जब जब देश पर विपदा आई, देश पर संकट आया, तब-तब नागाओं ने मोर्चा संभाला.'
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'कुंभ के बाद ये गुफाओं में चले जाते हैं. उन्हें अक्सर राजस्थान, हिमाचल, झारखंड और बिहार 4 राज्य पसंद हैं.'
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'चारों राज्यों में जाकर ये साधना करते हैं और अपने जंगलों में रहते हैं.'
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'इनको पुनः अतिथि समय का ज्ञान हो जाता है और ये कुंभ में आ जाते हैं.'
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