20 Jan 2025
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महाकुंभ प्रयागराज में हजारों की संख्या में नागा साधु पहुंचे हैं. नागा साधु भारतीय हिन्दू धर्म में एक विशेष प्रकार के साधु होते हैं, जो अक्सर अत्यधिक तपस्वी और योगी होते हैं.
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इन्हें "नागा" इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये साधु अपने शरीर पर अक्सर भस्म (राख) लगाते हैं और नग्न रहते हैं. इनका जीवन अत्यधिक साधना, तप, और ध्यान पर आधारित होता है.
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नागा साधुओं का मुख्य उद्देश्य आत्मज्ञान और मोक्ष प्राप्ति होता है। वे जीवन के भौतिक पहलुओं से परे रहते हुए सिर्फ आध्यात्मिक उन्नति पर ध्यान केंद्रित करते हैं.
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नागा साधुओं के ऊपर कई बुक्स लिखी गई हैं और कई लोगों ने उनकी लाइफ को करीब से देखा है. ऐसे ही एक राइटर हैं अक्षय गुप्ता जिन्होंने नागा साधुओं के ऊपर बुक्स लिखी हैं.
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अक्षत गुप्ता ने एक पॉडकास्ट में बताया, 'अगर कभी कोई नागा साधु आपके दरवाजे भिक्षा मांगने के लिए आ जाए तो जितना अच्छा खाना दे सकें दीजिए.'
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'बोलिए, बाबा आधे घंटे बैठिए. अच्छा खाना बना कर दीजिए. क्योंकि एक नागा साधु को एक दिन में सात घरों से ही भिक्षा मांग सकते हैं.'
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'उनको इसकी अनुमति है. सात घरों में उनको जो मिला वो खा लेंगे. या फिर उन सात घरों में अगर उनको कुछ नहीं मिला तो भूखे सो जाएंगे.'
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'जैसे आर्मी नेवी और एयर फोर्स आपके सरहद की रक्षा करते हैं, वैसे ही नागा साधु धर्म की.'
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'वो भी सेना है जो आपके और मेरे लिए हैं तो अगली बार जब उनसे आमना सामना हो तो उनको मान दें. आप खुद भी एक नागा साधु हैं, अगर आप अपने धर्म की रक्षा के लिए खड़े होने को तैयार हैं.'
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