इस बार शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू होने जा रहे हैं और इसका समापन 24 अक्टूबर को होगा.
इस समय में देवी की पूजा कर उनसे सुख समृद्धि की कामना करना बहुत शुभ माना गया है. नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है.
ज्योतिषियों के मुताबिक, इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी. जो कि बेहद शुभ माना जा रहा है.
मान्यता के अनुसार, क्योंकि मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं इसलिए इन 9 शुभ दिनों में एक खास काम करने से मां दुर्गा गरीबी दूर कर देती हैं.
हिंदू धर्म में मां दुर्गा को सबसे बड़ी माता के रूप में पूजा जाता है. और नवरात्रि में मां दुर्गा के साथ उनके 9 रूपों की उपासना भी की जाती है.
दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत ही शुभ एवं लाभकारी माना जाता है परन्तु यदि, इसका पाठ नवरात्र के दिनों में नियमित रूप से किया जाए तो व्यक्ति को विशेष फल प्राप्त होता है.
मार्कण्डेय पुराण में भी दुर्गा सप्तशती पाठ का जिक्र किया गया है. इसमें देवी की उपासना के सात सौ श्लोक दिए गए हैं. ये सात सौ श्लोक तीन भागों में बांटे गए हैं.
दुर्गा सप्तशती से पाठ से जातक की सभी आर्थिक समस्याओं का समापन हो जाता है. साथ ही गरीबी भी दूर हो जाती है.
लेकिन दुर्गा सप्तशती के पाठ को करने के कुछ नियम है जिनको मानना बेहद जरूर होता है.
दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से सबसे पहले कलश पूजन और ज्योति पूजन करें. उसके बाद लाल कपड़े पर दुर्गा सप्तशती की पुस्तक को स्थापित करें.
श्रीदुर्गा सप्तशती के पाठ से पहले और बाद में नर्वाण मंत्र 'ओं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे' का पाठ करना अनिवार्य है.
अगर दुर्गा सप्तशती का पाठ नहीं कर पा रहे हैं तो नवरात्रि में प्रतिदिन कवच, कीलक और अर्गला स्तोत्र का पाठ करें. फिर कुंजिका स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. इससे दुर्गा सप्तशती के पाठ जितना ही फल प्राप्त होता है.