इस साल चैत्र नवरात्रि बुधवार, 22 मार्च से शुरू हो रहे हैं. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-उपासना का विधान है.
नवरात्रि में घटस्थापना के समय जौ बोने की परंपरा होती है. कई जगहों पर इसे ज्वार भी कहा जाता है. इसे मिट्टी के पत्रा में बोया जाता है.
अधिकांश लोगों को यह मालूम नहीं होता कि आखिर नवरात्रि में जौ क्यों बोते हैं और जौ के अलग-अलग रंगों का मतलब क्या होता है.
जौ घनी न होना या इसका ठीक से न उगना अच्छा संकेत नहीं है. अगर जौ का रंग काला है और ये टेढ़ी-मेढ़ी है तो इसे अशुभ समझा जाता है.
वहीं, अगर जौ का रंग सफेद है और ये बिल्कुल सीधी उगे तो ये जीवन में तरक्की और खुशहाली का संकेत देती है.
अगर जौ का रंग नीचे से हरा और ऊपर से पीला है तो ये साल की अच्छी शुरुआत, लेकिन अंत खराब होने का संकेत देती है.
जिन घरों मे ऐसी जौ उगती है, उन्हें साल की शुरुआत में लाभ होता है. लेकिन साल गुजरने के साथ-साथ उनकी मुश्किलें बढ़ती रहती हैं.
चैत्र नवरात्रि पर घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 22 मार्च को सुबह 06 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक रहेगा.