छू भी नहीं पाएंगे दुख, नवरात्रि में मां को दिन के हिसाब से लगाएं भोग

5 OCT 2024

By: Aajtak.in

इस बार 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि के पावन दिनों की शुरुआत हो चुकी है, जिसका समापन 11 अक्टूबर को नवमी तिथि पर होगा.

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इस नौ दिवसीय इस पर्व में नवदुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है.

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इन दिनों में भक्त माता को अलग-अलग खाद्य पदार्थों का भोग लगाते हैं. यह भोग प्रसाद खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, उतना ही हमारे जीवन के लिए प्रभावी भी होता है. 

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दरअसल, 'नवारात्रि' के नौ दिनों में हम मां को नौ दिन तक अलग-अलग चीजों को प्रसाद के रूप में चढ़ाकर अलग-अलग समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं. 

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चलिए जानते हैं किस दिन जगत जननी को आप किस चीज का भोग लगाकर अपने दुखों का निवारण कर सकते हैं. 

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नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की आराधना की जाती है. शैलपुत्री देवी को गाय के घी का भोग लगाना शुभ होता है. ऐसा करने से भक्त को कष्टों से मुक्ति मिलती है और आरोग्य की प्राप्ति होती है.

माता शैलपुत्री (3 अक्टूबर)

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मां के दूसरे स्वरूप को माता ब्रह्मचारिणी कहा जाता है और उन्हें शक्कर का भोग लगाना अच्छा बताया गया है. शक्कर प्रसाद के रूप में चढ़ाने से भक्त को लंबी उम्र का वरदान मिलता है. 

मां ब्रह्मचारिणी (4 अक्टूबर)

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मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा को दूध का भोग लगाना शुभ बताया गया है. अगर आप तीसरे दिन मां को दूध चढ़ाते हैं तो आपके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और दुखों से मुक्ति मिलती है. 

माता चंद्रघंटा (5 अक्टूबर)   

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माता कुष्मांडा की नवरात्रि के चौथे दिन पूजा की जाती है. मां को मालपुआ भोग के रूप में चढ़ाना अच्छा होता है. अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे आपकी समस्याओं का अंत होता है. 

मां कुष्मांडा (6 अक्टूबर)

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नवरात्रि के पांचवे दिन माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है. इस दिन मां को केला प्रसाद के रूप में चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने से माता खुश होकर आपको सुख-शांति का वरदान देती हैं. 

मां स्कंदमाता (7 अक्टूबर)

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मां दुर्गा के छठे स्वरूप माता कात्यानी को शहद का भोग लगाना चाहिए. इससे आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी होगी और आपको धन लाभ होने के योग बनेंगे.

मां कात्यानी (8 अक्टूबर)

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नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा की जाती है और उन्हें गुड़ का भोग लगाना शुभ होता है. ऐसा करने से रोग-शोक से मुक्ति मिलती है और आपकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं. 

माता कालरात्रि (9 अक्टूबर)

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मां दुर्गा के आठवें स्वरूप को माता महागौरी के रूप में पूजा जाता है. उन्हें नारियल का भोग लगाना बताया गया है. इससे आपके घर में सुख-समृद्धि आती है और मां का आशीर्वाद मिलता है. 

माता महागौरी (10 अक्टूबर)

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मां के नौवें स्वरूप को माता सिद्धिदात्री कहा जाता है. उनकी पूजा करने के लिए आप उनको विभिन्न तरह के अनाज और हलवा-पूरी का भोग लगा सकते हैं. इससे मनुष्य को वैभव और यश की प्राप्ति होती है.      

माता सिद्धिदात्री (11 अक्टूबर)

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