29 sep 2024
aajtak.in
साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगेगा. इसके अगले दिन यानी 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू होकर 12 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन समाप्त हो जाएगी.
इस बार नवरात्रि गुरुवार से शुरू हो रही है इसलिए देवी मां डोली पर सवार होकर आएंगी.
हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि शुरू होती है. नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना होती है.
नवरात्रि के दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है. नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना की जाती है. शारदीय नवरात्रि सबसे बड़ी नवरात्रि में से मानी जाती है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर, मंगलवार की अर्धरात्रि 12:18 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 4 अक्टूबर को रात 2:58 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, शारदीय नवरात्रि 3 अक्तूबर से शुरू होगी.
इस दिन घटस्थापना मुहूर्त सुबह 6:15 मिनट से लेकर 7:22 मिनट तक होगा और अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:46 मिनट से दोपहर 12:33 मिनट तक रहेगा.
नवरात्रि के पहले दिन व्रत का संकल्प लिया जाता है. संकल्प लेने के बाद मिट्टी की वेदी में जौ बोया जाता है और इस वेदी को कलश पर स्थापित किया जाता है.
साथ ही इस दिन कलश पर कुल देवी की तस्वीर स्थापित करें. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और इस दौरान अखंड ज्योति अवश्य प्रज्वलित करें.
नवरात्रि के पहले दिन व्रत का संकल्प लिया जाता है. संकल्प लेने के बाद मिट्टी की वेदी में जौ बोया जाता है और इस वेदी को कलश पर स्थापित किया जाता है.