नवरात्रि में नौवें दिन का महत्व घटस्थापना यानी पहले दिन से कम नहीं होता है. इस दिन कन्या पूजन के साथ ही नवरात्रि का समापन हो जाता है.
कन्या पूजन में छोटी-छोटी कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर पूजा जाता है. उन्हें हलवा-पूरी का भोग लगाया जाता है और उपहार दिए जाते हैं.
महानवमी का कन्या पूजन 30 मार्च को होगा. अगर आप भी इस दिन कन्या पूजन करने वाले हैं तो पहले इसका शुभ मुहूर्त जान लीजिए.
30 मार्च को सुबह 4.41 से सुबह 5.28 तक अमृत सिद्धि योग योग है. इस दौरान कन्या पूजन के लिए आपको 47 मिनट का समय मिलेगा.
फिर सुबह 11.45 से लेकर दोपहर 12.30 तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. इस दौरान कन्या पूजन के लिए आपको 45 मिनट का समय मिलेगा.
महानवमी पर सुबह 6.14 बजे से गुरु पुष्य योग लग जाएगा. आप इस अबूझ मुहूर्त के रहते भी कन्या पूजन कर सकते हैं.
नवमी पर घर आने वाली कन्याओं का पुष्प वर्षा के साथ स्वागत करें. नव दुर्गा के सभी नौ नामों के जयकारे लगाएं.
कन्याओं के पैरों को दूध से भरे थाल में रखकर अपने हाथों से धोएं. पैर छूकर इनका आशीष लें. माथे पर अक्षत, फूल और कुमकुम लगाएं.
फिर मां भगवती का ध्यान करके इन देवी रूपी कन्याओं को इच्छानुसार भोजन कराएं. भोजन में आप हलवा, पूरी और चने परोस सकते हैं.