साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगने वाला है. इसके अगले दिन यानी 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ होंगे.
नवरात्रि में देवी की सवारी दिन के हिसाब से तय होती है. इस बार नवरात्रि रविवार से शुरू हो रहे हैं, इसलिए देवी हाथी पर सवार होकर आएंगी.
नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना होती है. इसके बाद ही नवदुर्गा के स्वरूपों की पूजा आरंभ होती है.
इस साल शारदीय नवरात्रि में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को सुबह 11.44 बजे से लेकर दोपहर 12.30 बजे तक रहेगा.
यानी घटस्थापना के लिए पूरे 46 मिनट का अबूझ मुहूर्त रहेगा. इस शुभ घड़ी में कलश स्थापित करने से शुभ परिणाम मिलेंगे.
सबसे पहले देवी की चौकी सजाने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा चुनें. यहां लकड़ी की चौकी रखकर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं.
फिर चौकी पर देवी मां की प्रतिमा को स्थापित करें. इसके बाद प्रथम पूजनीय गणेश का ध्यान करें और कलश स्थापित करें.
घटस्थापना के लिए एक कलश पर लाल रंग की चुनरी लपेटें और कलश के मुख पर मौली या कलावा बांध दें.
कलश में जल भरकर उसमें एक लौंग का जोड़ा, सुपारी, हल्दी की गांठ, दूर्वा और एक रुपये का सिक्का जरूर डालें.