Photo: Sansad Ki Kala
गणेश चतुर्थी पर आज देश में नए संसद भवन का शुभारंभ हुआ है. नए संसद में भारतीय संस्कृति और वास्तु शास्त्र का विशेष ख्याल रखा गया है.
नई संसद में छह प्रवेश द्वार हैं, जिनके नाम हैं- गज द्वार, अश्व द्वार, गरुड़ द्वार, मकर द्वार, शार्दुला द्वार और हम्सा द्वार.
हर प्रवेश द्वार पर पौराणिक प्राणियों की बालू पत्थर से बनी प्रतिमाएं लगाई गई हैं, जिनके महत्व और गुण वास्तु शास्त्र में बताए गए हैं.
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वास्तु शास्त्र के अनुसार, ये प्रतिमाएं रखने से घर में भी सुख-संपन्नता का संचार बढ़ता है. दुख-संकट घर की चौखट से कोसों दूर रहते हैं.
संसद के गज द्वार पर लगी हाथी की प्रतिमा धन, बुद्धि और संपन्नता का प्रतिनिधित्व करती है. हाथ की प्रतिमा रखने से घर में धन का आगमन होता है.
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संसद के अश्व द्वार पर घोड़े की प्रतिमा रखी गई है जो साहस और पराक्रम का प्रतीक है. घर में घोड़े की तस्वीर रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
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नई संसद के गरुण द्वार पर भगवान विष्णु की सवारी गरुड़ की प्रतिमा लगाई गई है, जो कि शक्ति और धर्म का प्रतिनिधित्व करती है.
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वास्तु के अनुसार, घर में गरुड़ की प्रतिमा रखने से लक्ष्यों की प्राप्ति होती है और घर के सदस्यों की सेहत भी हमेश अच्छी रहती है.
संसद के मकर द्वार पर समुद्री जीव के नाम पर रखा गया है और इसे एक रक्षक के तौर पर देखा जाता है. परिवार की सुरक्षा के लिए आप इसे घर ला सकते हैं.
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शार्दुला द्वार पर एक ऐसे प्राणी की प्रतिमा है, जिसका धड़ शेर, सिर घोड़ा और हाथ तोते का है. यह प्रतिमा परिवार को एकजुट रखने के लिए प्रेरित करती है.
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हम्सा द्वार पर देवी सरस्वति की सवारी हंस को जगह दी गई है, जो कि आत्मबोध और ज्ञान का प्रतीक है. घर में इस प्रतिमा को रखने से बच्चों की एकाग्रता को बल मिलता है.
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