By Aajtak.in
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने में एकादशी दो बार आती है- एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष.
इस बार निर्जला एकादशी 31 मई, बुधवार को मनाई जाएगी. इस एक एकादशी के व्रत से व्यक्ति को पूरे साल की 23 एकादशियों के पुण्य जितने फल की प्राप्ति होती है.
निर्जला एकादशी को पांडव एकादशी या भीमसेन एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं कि निर्जला एकादशी के पूजन में किन गलतियों से सावधान रहना है.
निर्जला एकादशी के दिन पूजा करते समय मन में कोई गलत ख्याल न लाएं.
निर्जला एकादशी की पूजा करते समय काले रंग के वस्त्र धारण न करें. लाल या पीले रंग वस्त्र धारण करें.
सुबह और शाम अपने गुरु या भगवान विष्णु की उपासना करें और रात में जागरण करके श्रीहरि की उपासना करें.
ज्यादा से ज्यादा समय मंत्र जाप और ध्यान में लगाएं. साथ ही इस दिन जल और जल के पात्र का दान सबसे शुभकारी माना जाता है.
निर्जला एकादशी के पूजन में विष्णु की तस्वीर, पीला कपड़ा, गंगाजल, नारियल, सुपारी, फल आदि चीजों का उपयोग जरूर करें.