ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी कहा जाता है. इस बार निर्जला एकादशी 18 जून यानी आज रखा जाएगा.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भीम ने इस उपवास को रखा था और मूर्छित हो गए थे. इसलिए इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है.
इस दिन बिना जल के उपवास रहने से साल की सारी एकादशियों का फल मिलता है.
इसी दिन धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति भी होती है. इस दिन अच्छी सेहत और सुखद जीवन की मनोकामना पूरी की जा सकती है.
ज्योतिषियों की मानें तो, निर्जला एकादशी के दिन श्रीहरि के कुछ खास मंत्रों का जाप करना चाहिए जिनसे सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.
जीवन में धन, वैभव और सुख समृद्धि के लिए '' ऊं नमो भगवते वासुदेवाय '' मंत्र का जाप करना सबसे ज्यादा फलदायी होता है.
ऊं ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।। इस मंत्र का 108 बार जाप करें. इस एक मंत्र से घर की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.
ऊं अं प्रद्युम्नाय नम:- निर्जला एकादशी के दिन तुलसी माला का जाप करते हुए इस मंत्र का जाप करें. इससे अच्छी सेहत का फल प्राप्त होता है.