ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता है. यह साल की सबसे बड़ी एकादशी होती है. इस साल निर्जला एकादशी 18 जून को है.
निर्जला एकादशी पर व्रत रखने से सारी एकादशियों का पुण्य मिल जाता है. धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थों भी प्राप्त होता है. निर्जला एकादशी पर पूजा का मुहूर्त जानते हैं.
इस साल निर्जला एकादशी पर पूजा के लिए दो शुभ मुहूर्त बनने वाले हैं. लेकिन शुभ मुहूर्त में पूजा के लिए आपको सुबह जल्दी तैयार रहना होगा.
आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में श्री हरी भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं. 18 जून को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4.03 बजे से सुबह 4.43 बजे तक रहेगा.
इसके अलावा, आप सुबह 11.54 बजे से दोपहर 12.50 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में निर्जला एकादशी की पूजा कर सकते हैं.
सुबह स्नान करके सूर्य देवता को जल चढ़ाएं. पीले वस्त्र धारण करके विष्णु जी की पूजा करें. उन्हें पीले फूल, पंचामृत और तुलसी दल चढ़ाएं.
इसके बाद श्री हरि और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें. किसी निर्धन व्यक्ति को जल, अन्न या वस्त्र का दान करें.
निर्जला एकादशी 2024 पारण का समय- 19 जून दिन बुधवार को सुबह 5 बजकर 24 मिनट से सुबह 7 बजकर 28 के बीच किया जाएगा.