हिंदू धर्म में तुलसी को एक पवित्र पौधा माना जाता है. इसे मां लक्ष्मी का रूप भी माना जाता है.
मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते न तोड़ने की सलाह दी जाती है. ऐसा करने से मां लक्ष्मी का अपमान भी होता है.
तुलसी को भगवान विष्णु का सबसे प्रिय माना जाता है. साथ ही भोग लगाते समय भी भगवान को तुलसी की पत्तियां चढ़ाई जाती हैं.
किसी भी एकादशी तिथि के लिए तुलसी पूजन का विशेष महत्व हैं. तो आइए जानते हैं कि एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते क्यों नहीं तोड़ने चाहिए.
एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना अपशकुन माना जाता है. जिससे आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
एकादशी के दिन मुख्य रूप से माता तुलसी की पूजा की जाती है क्योंकि एकादशी में तुलसी माता और शालिग्राम का विवाह हुआ था.
पौराणिक मान्यताओं की बात करें तो किसी भी एकादशी के दिन माता तुलसी विष्णु जी के लिए निर्जला उपवास रखती हैं.
एकादशी में तुलसी की पत्तियां तोड़ने से व्यक्ति को कम से कम 11 सालों तक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
साथ ही एकादशी के दिन तुलसी तोड़ना भगवान विष्णु का अपमान भी माना जाता है.