By: Sumit Kumar

फाल्गुन अमावस्या पर पंचक की शुरुआत शुभ या अशुभ?


इस बार फाल्गुन अमावस्या पर एक बड़ा ही दुर्लभ संयोग बन रहा है. 20 फरवरी को फाल्गुन अमावस्या के साथ पंचक की शुरुआत हो रही है.


चूंकि ये पंचक सोमवार से शुरू हो रहा है, इसलिए इसे राज पंचक कहा जाएगा. आइए जानते हैं कि ये शुभ है या अशुभ.


कहते हैं कि यदि पंचक में किसी की मौत हो जाए तो उसके परिवार के सदस्यों और क्षेत्र के लोगों पर मृत्यु का संकट मंडराने लगता है.


हालांकि सारे पंचक अशुभ नहीं होते हैं. राज पंचक को उन सभी कार्यों के लिए शुभ माना जाता है जो दैनिक जीवन में किए जाते हैं.


जबकि रोग पंचक, मृत्यु पंचक और चोर पंचक अशुभ होते हैं. जब ये पंचक लगते हैं तो कुछ विशेष कार्य भूलकर भी नहीं करने चाहिए.


शादी-विवाह- पंचक का अशुभ काल शुरू होने के बाद विवाह, मुंडन और नामकरण संस्कार आदि कार्यक्रम वर्जित माने जाते हैं.


उधार- पंचक काल में व्यापार पैसे उधार नहीं लेने चाहिए. अगर ऐसा करना जरूरी हो तो उधार से पहले माता लक्ष्मी की पूजा करें.


दक्षिण दिशा में यात्रा- पंचक में लोगों को दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए. ऐसा करना जरूर हो तो पहले हनुमान की पूजा करें.


लकड़ी से जुड़ा कार्य- पंचक लगते ही लकड़ी से जुड़े कार्यों को करने की मनाही होती है. ऐसा करने से घर में संकट आ सकता है.


अंतिम संस्कार- पंचक में किसी की मृत्यु हो जाए तो दाह संस्कार के वक्त आटे, बेसन, कुश से 5 पुतले बनाकर मृतक के साथ अंतिम संस्कार करें