हिंदू धर्म में दान-पुण्य का बड़ा महत्व बताया गया है.
मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष में गीता का पाठ करना और दान करना विशेष लाभकारी होता है.
इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और आपके जीवन के समस्त कष्टों का निवारण होता है.
इस बार पितृपक्ष 20 सितंबर से शुरू होकर 6 अक्टूबर को समाप्त होंगे.
आइए आपको बताते हैं कि श्राद्ध में सबसे बड़े दान क्या माने जाते हैं.
गोदान- गाय का दान करने से व्यक्ति को निश्चित रूप से मुक्ति की प्राप्ति होती है.
भूमि दान- भूमि या मिट्टी का दान करने से आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है.
तिल दान- काले तिल का दान करने से ग्रह और नक्षत्रों की बाधा से मुक्ति मिलती है.
स्वर्ण दान- स्वर्ण दान करने से व्यक्ति को कर्ज और रोगों से मुक्ति मिलती है. इसकी जगह आप दक्षिणा भी दान कर सकते हैं.
वस्त्र दान- नए वस्त्रों का दान शुभ माना जाता है.
धान्य दान- इसमें अलग-अलग या कोई एक धान्य दान किया जाता है. इससे वंश वृद्धि सम्भव हो जाती है.
गुड़ दान- गुड़ का दान करने से पितरों को विशेष संतुष्टि प्राप्त होती है.
रजत दान- चांदी का दान करना परिवार और वंश को मजबूत करता है.
नमक दान- नमक का दान किए बिना कभी भी दान सम्पूर्ण नहीं होता. इसलिए नमक का दान करना जरूरी है.