इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से होने जा रही है और इनका समापन 14 अक्टूबर को होने जा रहा है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से होती है. पितृ पक्ष में पितरों की सेवा की जाती है और पिंडदान किया जाता है.
मान्यता के अनुसार, पितृ पक्ष की 16 दिन की अवधि में सभी शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है, उन्हें करना बेहद अशुभ माना जाता है.
इसलिए, ज्योतिषियों की मानें तो पितृ पक्ष से पहले कुछ खास काम निपटा लें. वरना पितृ पक्ष के 16 दिनों तक मौका नहीं मिलेगा.
पितृ पक्ष के दौरान नए वस्त्र खरीदना वर्जित माना जाता है. बल्कि, पितृ पक्ष के दौरान वस्त्रों का दान करना चाहिए. इसलिए, नई चीजों की खरीदारी पितृ पक्ष से पहले ही कर लें.
यदि आप किसी दुकान या बिजनेस की शुरुआत करना चाहते हैं तो यह शुभ कार्य पितृ पक्ष से पहले ही कर दें.
पितृ पक्ष के दौरान पूजा करने की कोई विशेष विधि या कोई शुभ मुहूर्त नहीं होता. इसलिए, कोई विशेष पूजा करवानी है तो पितृ पक्ष से पहले ही करवा लें.
29 सितंबर से पहले विवाह जैसा कोई शुभ अनुष्ठान किया जा सकता है. लेकिन, उसके लिए भी आपको कोई शुभ मुहूर्त ही होना चाहिए.
यदि पितृ पक्ष से पहले आप ये कार्य नहीं कर पाते हैं तो आपको पितृ पक्ष के समापन का इंतजार करना होगा.