कल से शुरू हो रहे हैं पितृ पक्ष, तर्पण के लिए मिलेगा सिर्फ इतना समय

कल से शुरू हो रहे हैं पितृ पक्ष, तर्पण के लिए मिलेगा सिर्फ इतना समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है और अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर इसका समापन होता है. 

इस बार पितृ पक्ष 29 सितंबर यानी कल से शुरू होने जा रहे हैं और इसका समापन 14 अक्टूबर, शनिवार को सर्व पितृ अमावस्या के दिन होगा.

हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष का बेहद महत्वपूर्ण स्थान है. पितृ पक्ष में पूर्वजों को याद करके दान धर्म करने की परंपरा है.

पितृ पक्ष की यह अवधि 15 दिन के लिए पूर्वजों को समर्पित है. पितृ पक्ष में स्नान और पितरों के निमित्त तर्पण और श्राद्ध किए जाते हैं. 

पितृ पक्ष में पूर्वजों के प्रति कृतज्ञ होकर उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त की जाती है. पितरों का श्रद्धा पूर्वक श्राद्ध करके उनका पिंड दान और तर्पण किया जाता है.

पितृ पक्ष की प्रतिपदा तिथि सितंबर 29 सितंबर को दोपहर 3:26 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 30 सितंबर को दिन में 12:21 मिनट पर होगा. 

पितृ पक्ष तिथि

कुतुप मुहूर्त- 29 सितंबर को सुबह 11:47 मिनट से दिन में 12:35 मिनट तक, रौहिण मुहूर्त- 29 सितंबर को दोपहर 12:45 मिनट से 1:23 मिनट तक, अपराह्न काल 29 सितंबर को दोपहर 1:23 मिनट से दोपहर 3:46 मिनट तक रहेगा.  

अनुष्ठान का समय

पितृ पक्ष के 15 दिनों में कोई भी मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है. जैसे गृह प्रवेश, कानछेदन, मुंडन, शादी, विवाह नहीं कराए जाते. इसके साथ ही इन दिनों में न कोई नया कपड़ा खरीदा जाता और न ही पहना जाता है. 

पितृ पक्ष में न करें मांगलिक कार्य

इस दिन हाथों में कुश लेकर दोनों हाथों को जोड़कर पितरों का ध्यान करना चाहिए और उन्हें आमंत्रित करना चाहिए. साथ ही "ओम आगच्छन्तु में पितर एवं ग्रहन्तु जलान्जलिम" मंत्र का जाप करें. 

पितृ पक्ष तर्पण विधि