14 sep 2024
aajtak.in
हिंदू धर्म में श्राद्ध का समय बहुत ही खास माना जाता है क्योंकि इस दौरान पितरों के नाम का तर्पण और पिंडदान किया जाता है.
इस बार पितृपक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से हो रही है और 2 अक्तूबर, सर्वपितृ अमावस्या तक पितृपक्ष रहेगा.
वहीं, पितृपक्ष इस बार बेहद खास माना जा रहा है क्योंकि इस बार पितृपक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन ही चंद्रग्रहण लगने जा रहा है.
ज्योतिषियों की मानें तो, साल का दूसरा चंद्रग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा. फिर भी, इस चंद्रग्रहण का अशुभ प्रभाव पितृपक्ष पर रहेगा.
हिंदू पंचांग के अनुसार, चंद्रग्रहण 18 सितंबर को सुबह 6 बजकर 12 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 17 मिनट तक रहने वाला है.
हालांकि, यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. फिर भी, प्रतिपदा पर श्राद्ध करने वाले लोगों को ग्रहण काल का ध्यान रखते हुए उस दिन पितरों का तर्पण करना होगा.
पितृपक्ष की दोनों वेला में स्नान करके पितरों को याद करना चाहिए. इसके अलावा, कुतुप वेला में पितरों को तर्पण दें और इसी वेला में तर्पण का विशेष महत्व भी होता है.
जो कोई भी पितृ पक्ष का पालन करता है उसे इस अवधि में सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए. पितृ पक्ष में हर रोज गीता का पाठ जरूर करें.