15 Sep 2024
AajTak.In
इस साल पितृपक्ष 17 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर तक रहने वाला है. पितृपक्ष में मृत पूर्वजों की आत्मी की शांति के लिए श्राद्धकर्म और पिंडदान किया जाता है.
कहते हैं कि जो लोग पितृपक्ष में अपने पितरों का श्राद्ध नहीं करते हैं, उन्हें आजीवन बड़े कष्टों का सामना करना पड़ता है. ऐसे लोग जीवन में कभी सुखी नहीं रहते हैं.
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ज्योतिषविद कहते हैं कि पितृपक्ष में पूर्वजों का श्राद्ध न करने से पितृदोष लगता है. और यही पितृदोष जीवन में बड़ी समस्याओं का कारण बनता है.
पितृदोष के कारण विवाह में बाधाएं आती हैं. विवाह हो भी जाए तो दांपत्य जीवन में बहुत दुख झेलने पड़ते हैं. पति-पत्नी में अनबन रहती है. गृह क्लेश रहता है.
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पितृदोष संतान संबंधी परेशानियां भी बढ़ाता है. गर्भधारण करने मुश्किल होती है. संतान की उन्नति नहीं होती है. हमेशा चोट-दुर्घटना का संकट रहता है.
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पितृदोष के कारण इंसान कई बुरी लतों का शिकार हो सकता है. जुआ, नशा, मारपीट जैसे ढेरों बुरी आदतें इंसान के व्यवहार की हिस्सा बन जाती हैं.
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पितृदोष के कारण घर में दरिद्रता पांव पसारने लगती हैं. ऐसे लोग आर्थिक मोर्चे पर हमेशा कंगाल रहते हैं. घर में कभी लक्ष्मी का वास नहीं होता है.
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जिन लोगों की कुंडली में पितृदोष होता है, वो हमेशा बीमार रहते हैं. घर में रोगों का गढ़ बन जाता है. बच्चे-बुजुर्गों की सेहत ठीक नहीं रहती है.
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