19 Sep 2024
By: Aajtak.in
पितृ पक्ष में पिंडदान का बहुत महत्व बताया गया है. कहा जाता है इस दौरान पिंडदान और तर्पण करने से हमारे पूर्वज की आत्मा को शांति मिलती है.
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ऐसे में सभी लोग अपने पूर्वजों को आत्मा की शांति और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति कराने के लिए पितृ पक्ष में श्राद्ध और पिंडदान करते हैं.
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हालांकि, जब ये सवाल लेकर एक जातक वृंदावन के मशहूर प्रेमानंद महाराज के पास पहुंचा, तो उनका जवाब सुनकर वह हैरान रह गया.
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प्रेमानंज महाराज बोले, 'श्राद्ध, तर्पण या पिंडदान से मोक्ष नहीं मिलता. इन तीनों का पितरों की मोक्ष प्राप्ति से कोई सीधा संबंध नहीं है. हालांकि, इन्हें करने से उनकी आत्मा को शांति जरूर मिलती है.'
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महाराज कहते हैं, यह समझना बहुत जरूरी है कि चार खोए या आटे के लड्डू बनाने से मोक्ष नहीं होता.
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महाराज बोले, 'अगर आपके पितरों ने कभी भजन नहीं किया..नाम जप नहीं किया या आत्मज्ञान प्राप्त नहीं किया, तो आप एक कुंटल लड्डू चढ़ा दें तब भी मोक्ष की प्राप्ति नहीं होगी.'
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उनके अनुसार, पिंडदान केवल पितरों को प्राप्त होता है. उसका उद्देश्य केवल और केवल पितरों को याद करना, आशीर्वाद लेना और उनकी शांति होता है.
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प्रेमानंद महाराज का कहना है, 'मोक्ष केवल और केवल भगवान की प्राप्ति, उनके स्मरण से होता है. अगर आपके पूर्वजों ने मृत्यु के समय भगवान को याद किया होगा तो उन्हें मोक्ष मिलेगा.'
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महाराज कहते हैं, पितरों को मोक्ष तब भी मिलता है, जब उनके कुल में कोई भक्त होगा. वह भगवान की पूजा आराधना करता होगा.
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प्रेमानंद महाराज के अनुसार, अगर आप अपने पितरों को मोक्ष की प्राप्ति कराना चाहते हैं तो आप नाम जप करें, भगवान की भक्ति करें और उसे अपने पितरों के निमित कर दें.
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