10 sep 2024
aajtak.in
इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर, मंगलवार से होने जा रही है और समापन 2 अक्टूबर सर्व पितृ अमावस्या पर होगा.
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है. सनातन धर्म में पितृ पक्ष बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है.
ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और जीवन, परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है.
पितृ पक्ष के 15 दिन बहुत ही खास माने जाते हैं और इस अवधि की तिथियां भी बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है.
यदि पितृ पक्ष के पूरे 15 दिन आप तर्पण आदि कार्य ना कर पाएं तो आप कुछ विशेष तिथियों पर भी श्राद्ध कर सकते हैं. चलिए जानते हैं उन तिथियों के बारे में.
भरणी श्राद्ध पंचमी तिथि पर किया जाता है. इस दिन अविवाहित मरने वालों का श्राद्ध किया जाता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, भरणी श्राद्ध का समय 21 सितंबर को अर्धरात्रि 2:43 मिनट से लेकर 22 सितंबर को 12:36 तक रहेगा.
पितृ पक्ष के नवमी श्राद्ध को मातृ श्राद्ध या मातृ नवमी के नाम से जाना जाता है. इस साल 25 सितंबर को नवमी श्राद्ध है.
नवमी श्राद्ध की तिथि पर मां, दादी, नानी पक्ष का श्राद्ध किया जाता है. यह दिन माता पितरों को समर्पित है.
इस साल सर्व पितृ अमावस्या 2 अक्टूबर को है. सर्व पितृ अमावस्या के दिन उन पितरों के लिए श्राद्ध करते हैं, जिनके निधन की तिथि मालूम नहीं होती है.