15 sep 2024
aajtak.in
पितृ पक्ष की शुरुआत इस बार 17 सितंबर से होने जा रही है और इस अवधि का समापन 2 अक्टूबर, सर्वपितृ अमावस्या के दिन होगा.
पितृ पक्ष में पितरों को याद किया जाता है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है.
पितृ पक्ष 15 दिनों तक होते हैं, जिसमें लोग अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनकी याद में पूजा-पाठ और अनुष्ठान करते हैं.
माना जाता है कि पितृ पक्ष में तुलसी की पूजा करना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. तुलसी से जुड़े कुछ उपाय करने चाहिए. साथ ही कुछ गलतियों से भी बचना चाहिए.
पितृ पक्ष में तुलसी को छूना नहीं चाहिए. हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत पवित्र माना जाता है और इसे छूने से पहले स्वच्छता और पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए.
पितृ पक्ष में तुलसी की पत्तियां भी नहीं तोड़नी चाहिए, क्योंकि इससे पितरों की आत्मा को बहुत ही दुख होता है.
पितृ पक्ष में तुलसी की पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इससे भी पितरों को दुख पहुंचता है.
पितृ पक्ष में तुलसी की पूजा करने वाले व्यक्ति को श्राद्ध या तर्पण नहीं करना चाहिए और न ही श्राद्ध से जुड़ा कोई कार्य करवाना चाहिए.
पितृ पक्ष में तुलसी की पूजा करनी चाहिए. साथ ही तुलसी के पत्तों का दान, तुलसी की माला पहनना और तुलसी के पौधे की देखभाल करनी चाहिए.