कथावाचक प्रदीप मिश्रा के खिलाफ अब ब्रज के मंदिरों के साधु-संतों और सेवायतों ने मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने एक महापंचायत कर कथावाचक से माफी मांगने को कहा है.
साधु-संत समाज और धार्मिक संगठनों ने कहा कि अगर प्रदीप मिश्रा ने 3 दिन के भीतर माफी नहीं मांगी तो उन्हें ब्रज में घुसने नहीं दिया जाएगा.
वहीं, उज्जैन के महर्षि सांदीपनि के वंशज पंडित रूपम व्यास ने प्रदीप मिश्रा को नाक रगड़कर माफी मांगने की चेतावनी दी है. अन्यथा उज्जैन में उनकी एंट्री बैन होगी.
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प्रदीप मिश्रा राधा रानी पर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था, 'भगवान कृष्ण की 16,108 रानियों में राधाजी का नाम नहीं है. और राधा के पति में कृष्ण का नाम नहीं है.'
'राधा के पति का नाम अनय घोष था. वो बरसाने की नहीं, ग्राम रावल की थीं. बरसाने में राधा के पिताजी की कचहरी थी, जहां वो वर्ष में एक बार आती थीं. इसलिए इसका नाम बरसाना पड़ा.'
इस टिप्पणी के बाद प्रेमानंद महाराज का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने कहा, 'चार श्लोक पढ़कर तुम खुद को कथावाचक कहते हो. राधाजी के बारे में क्या जानते हो तुम?'
प्रेमानंद महाराज ने कहा, 'चार लोगों के बीच बैठकर तुम खुद को बहुत बड़ा भागवत प्रवक्ता कहते हो. असल में तुम्हें ब्रह्म तत्व का बोध ही नहीं है.'
'राधा को लेकर ऐसी बात कहने वालों को नर्क भोगने से कोई नहीं बचा पाएगा. तुम्हें शर्म आनी चाहिए. जिनका नाम लेकर खाते हो, उनके बारे में ऐसी बातें करते हो.'
'नर्क जाओगे! वृंदावन की भूमि से यह गरज के कह रहा हूं. राधाजी के अंश से ऐसी शक्तियां प्रकट हुई हैं कि लोगों की अकल ठिकाने लग गई.'