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श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज के वीडियोज आज के यूथ को काफी मोटिवेट कर रहे हैं.
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प्रेमानंद महाराज के वीडियोज आज के युवाओं को जो भक्ति और आध्यात्मिकता की ओर आकर्षित हो रहे हैं, उन्हें महाराज जी के माध्यम से जीवन का वास्तविक ज्ञान और उद्देश्य प्राप्त हो रहा है.
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प्रेमानंद महाराज वृंदावन में रहते हैं और उनके पास दर्शन के लिए हजारों लोग पहुंचते हैं. अक्सर लोग प्रेमानंद महाराज के बारे में जानना चाहते हैं.
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आज हम आपको बताएंगे कि प्रेमानंद महाराज ने कहां तक पढ़ाई की है और कब सन्यास लिया था.
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प्रेमानंद महाराज की ऑफिशिअल वेबसाइट पर महाराज के प्रारंभिक जीवन के बारे में बताया गया है. वेबसाइट के मुताबिक, 'महाराज जी का जन्म उत्तरप्रदेश के कानपुर के अखरी गांव में हुआ था.
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वह धर्मनिष्ठ और ब्राह्मण (पांडेय) परिवार में जन्मे थे. महाराज का असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था. उनके दादा सन्यासी थे. उनकी मां का नाम श्रीमती रमा देवी था जो ग्रहणी थीं. पिता का नाम शंभू पांडे था. माता पिता दोनों धार्मिक थे. पिता ने संन्यास आश्रम अपना लिया था.
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संतों और महापुरुषों को अक्सर घर में आमंत्रित किया जाता था जिसके कारण प्रेमानंद महाराज की भी धर्म-कर्म में आस्था बढ़ गई.
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प्रेमानंद महाराज जब नौवीं कक्षा (9th class) में थे, तब तक उन्होंने आध्यात्मिक जीवन जीने और ईश्वर तक पहुंचने का रास्ता खोजने का फैसला कर लिया था.
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इसके लिए वह परिवार से अलग होने तक के लिए तैयार थे. फिर कुछ समय बाद उन्होंने तेरह साल की उम्र में मानव जन्म के अर्थ को समझने, जीवन और मृत्यु के चक्र को समाप्त करने और परमानंद की प्राप्ति के लिए एक दिन सुबह तीन बजे अपने परिवार को छोड़ दिया.
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नैष्ठिक ब्रह्मचर्य की दीक्षा लेने के बाद महाराज जी का नाम आनंदस्वरूप ब्रह्मचारी रखा गया और फिर उन्हें संन्यास प्राप्त हुआ.
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