19 Nov 2024
AajTak.In
वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के दरबार में लोग दूर-दूर से अपनी समस्याएं लेकर आते हैं. हाल ही में प्रेम में धोखा खा चुका एक शख्स उनके दरबार आया.
शख्स ने कहा, 'मैंने एक लड़की से प्रेम किया. उसने मुझे धोखा दिया और किसी दूसरे का हाथ पकड़ लिया. अब मैं बदले की आग में जल रहा हूं.'
ये सुनकर प्रेमानंद जी बोले, 'बदला लेना ठीक नहीं है. इसे चुपचाप सह लो और अपनी गलती स्वीकार करो कि बिना किसी को जांचे-परखे प्रेम कर बैठे.'
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'बदला लेने की भावना में जिंदगी बर्बाद हो जाएगी. जेल भोगोगे. नरक जाओगे. मन को शांत रखो. जीवन में आगे अच्छा हमसफर मिल ही जाएगा.'
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उन्होंने कहा, 'प्रेम करने से पहले व्यक्ति का स्वभाव देखो. क्या वो सच में तुम्हें प्यार करता है या शोषण करना चाहता है. जल्दबाजी में कभी कोई निर्णय न लें.'
'जब भी कोई व्यक्ति जल्दबाजी दिखाने लगे तो समझ लो वो प्यार नहीं करता है. बल्कि उस पर वासना का भूत सवार है. फिर चाहे वो लड़की हो या लड़का.'
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'प्रेम के लिए किसी एक को चुनो और पूरा जीवन उसके साथ बिताने का संकल्प लो. तभी आपका प्यार पवित्र और स्वीकार्य माना जाएगा.'
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'आज तुम, कल कोई और फिर परसों कोई दूसरा. यह प्रेम नहीं बल्कि व्यभिचार है. पराए मर्द या स्त्री से संबंध रखना शास्त्रों में पाप बताया गया है.'