ऐसा कई बार होता है जब कोई इंसान साधु-संत या बाबा के भेष में दरवाजे पर आकर दान-दक्षिणा की मांग करता है. कई बार उनकी मांग अनुचित होती है और वह ढोंगी प्रतीत होते हैं.
वृंदावन में प्रवचन करने वाले मशहूर बाबा प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में बताया है कि जब बाबा के भेष में ढोंगी घर आ पहुंचे तो क्या करना चाहिए.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि अगर कोई ढोंगी भूखा है तो भोजन दे दीजिए. अगर जरूरत दिखे तो शरीर से सेवा कर दीजिए.
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ढोंगी को ढूंढ कर भोजन नहीं कराना है. अगर ढोंगी को गुरु प्रसाद लेना है तो उसे हमारे पास आना होगा. नहीं तो उस ढोंगी से कोई मतलब नहीं रखना चाहिए.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि अगर हमारे पास कोई आया है और वह भूखा है, बीमार है. वस्त्र या औषधि की जरूरत है तो हम उनकी यह सेवा कर सकते हैं.
अगर वह कुछ ऐसा आदेश देता है जो हमारे सिद्धांतों के विपरीत है तो उसकी सुनने की कोई जरूरत ही नहीं है. हमें अपने सिद्धांत पर चलना चाहिए.
हित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज अक्सर अपने प्रवचनों से सुर्खियों में रहते हैं. प्रेमानंद महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में हुआ था.