सनातन धर्म में नई चीजों की खरीदारी के बाद घर के लोग उनकी पूजा करती हैं, शुभ चिह्न बनाती हैं. ताकि सकारात्मकता का संचार हो. सुख-संपन्नता बढ़ती रहे.
उदाहरण के लिए, नई कार या मोटरसाइकिल, फ्रिज, एयरकंडीशन आदि की खरीदारी के बाद उस पर स्वस्तिक या ओम जैसे शुभ चिह्न बनाकर पूजा की जाती है.
क्या घर आने वाली हर नई चीज के साथ ऐसा करना उचिता है? इस बारे में वृंदावन के प्रेमानंद महाराज ने विस्तार से जानकारी दी है.
प्रेमानंद जी कहते हैं, 'घर आए वाहन या नई चीजों पर शुभ चिह्न बनाना, उनकी पूजा करना अच्छी बात है. लोग वाहन चलाने से पहले भी हैंडल या स्टीयरिंग को प्रणाम करते हैं.'
इससे लोगों के मन में छिपी भगवत भावना का पता चलता है. हर इंसान को ऐसा जरूर करना चाहिए. लेकिन इसमें एक बात का विशेष ध्यान रखना जरूरी है.
आप वाहन पर शुभ चिह्न बना सकते हैं. भगवान की प्रतिमा उसके अंदर रख सकते हैं. लेकिन भूलकर भी भगवान का नाम वाहन के ऊपर नहीं लिखना चाहिए.
प्रेमानंद जी कहते हैं कि कार पर नाम लिखने के बाद जब हम उसकी धुलाई करते हैं तो पानी ईश्वर के नाम पर पड़ने के बाद सीधा हमारे पैरों में आता है.
वहीं, कुछ लोग बाइक के पीछे भगवान का नाम लिख लेते हैं. और उस पर बैठते समय आपका पैर जूता सहित प्रभु के नाम के ऊपर से होकर गुजरता है, जो कि गलत है.