पाप करने वालों को मरने के बाद नरक में जगह मिलती है. लेकिन सुकर्म या पुण्य में इतनी ताकत होती है कि वो आपके पापों को भी नष्ट कर देते हैं.
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लेकिन हमारे पाप बढ़ रहे हैं या घट रहे हैं, ये आखिर पता कैसे चलेगा. वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज ने इसे समझने के 4 संकेत बताए हैं.
प्रेमानंद महाराज का कहना है कि इंसान के सारे पाप नष्ट होने पर उसे चार विशेष संकेत दिखाई देने लगते हैं.
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प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि पाप नष्ट होने पर इंसान को ईश्वर का अनुभव होने लगेगा. प्रभु के प्रति उसकी श्रद्धा और भी अटल हो जाएगी. उसकी वाणी और मन दोनों में ईश्वर समाएंगे.
इंसान का मांग, जांच, छल, कपट, चतुराई, क्रय-विक्रय से मुक्त हो जाना भी पापों के नष्ट होने का संकेत है. ईश्वर का दासत्व स्वीकार करने वालों के मन में कभी ये कामनाएं नहीं रहती हैं.
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पाप नष्ट होते ही इंसान को ईश्वर के सामर्थ्य का अनुभव हो जाता है. उसके बनाए एक-एक पंचतत्व वायु, अग्नि, जल, आकाश और पृथ्वी जैसी अनंत शक्तियों को वो समझ जाता है.
अक्सर लोग अपने जीवन का हर दुख-सुख आस-पास मौजूद लोगों के साथ साझा करते हैं. अपने मन की हर बात वो दूसरों के साथ शेयर करते हैं.
लेकिन जिस दिन इंसान अपने मन की बातें प्रभु से करने लगता है, उसे अपने हर-दुख सुख में शामिल करने लगता है, समझ लो उस दिन उसे पापों से मुक्ति मिल गई.