13 NOV 2024
AajTak.In
वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो डालते हैं, जिनमें लोग तरह-तरह की सांसारिक समस्याएं बताकर उनका हल पूछते हैं.
हाल ही में एक शख्स ने पूछा कि आजकल बच्चे लव मैरिज में बहुत विश्वास रखते हैं. जब वो मां-बाप के सामने विवाह की बात रखें तो परिजनों को क्या करना चाहिए?
इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा, 'माता-पिता को बच्चों का साथ देना चाहिए. यह ध्यान रखते हुए कि कहीं वो अनजाने में भूल तो नहीं कर रहे हैं.'
'यदि बच्चे गलत निर्णय ले रहे हैं तो उन्हें समझाने का प्रयास करें. आजकल बच्चे बुद्धिमान तो हैं, लेकिन उनमें सत्य-असत्य का निर्णय लेने वाले विवेक की कमी है.'
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प्रेमानंद महाराज कहते हैं, 'वासना या छल-कपट आदि में फंसकर प्रेम विवाह न करें. ऐसे संबंध कुछ समय बाद टूट जाते हैं. रिश्तों में कड़वाहट आने लगती है.'
'प्रेम विवाह के कई मामलों में हिंसात्मक घटनाएं तक देखी गई हैं. इसलिए प्रेम विवाह के समय माता-पिता को कुछ खास बातों पर ध्यान देना चाहिए.'
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'माता-पिता को दोनों पक्षों की सही जांच करनी चाहिए. बेटा या बेटी दोनों पक्षों पर विचार करें. यदि दोनों में वास्तविक लगन है तो कोई समस्या नहीं होनी चाहिए.'
'यदि दोनों का आचरण अच्छा है. एक-दूसरे को जीवन समर्पित करना चाहते हैं तो नए दौर को देखते हुए माता-पिता को उनका सहयोग करना चाहिए.'
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'हालांकि विवाह माता-पिता की आज्ञा, धर्म और शास्त्रों को ध्यान में रखते हुए होना चाहिए.'
'लेकिन अब कलियुगी विलासिता हावी हो चुकी है. जहां गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड, लिविंग रिलेशनशिप के मामले देखे जाते हैं. इनमें धर्म, जाति, शास्त्र परिपाटी का अभाव है.'
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