'जरूरी नहीं हर प्रश्न का जवाब दें...', प्रेमानंद महाराज ने अनिरुद्धाचार्य को दी सीख

30 Jan 2025

वृंदावन के प्रेमानंद महाराज वो संत हैं जिनके पास एक से बढ़कर एक वीआईपी लोग भी दर्शन और उनके आशीष वचन के लिए पहुंचते हैं.

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हाल ही में कथावाचक डॉ. अनिरुद्धाचार्य महाराज भी प्रेमानंद महाराज के पास अपनी पत्नी और दोनों बच्चों के साथ पहुंचे.

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प्रेमानंद महाराज ने उनको काफी सारी बातें बताईं. इन सभी बातों में प्रेमानंद महाराज ने उनसे एक खास बात भी कही.

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प्रेमानंद महाराज ने कहा, 'बस इतना अपने जीवन में ध्यान रखना कि कभी अर्थ की लोलुपता नहीं आए. धर्म की प्रधानता रहे और वाणी शास्त्र संयम से रहे.' 

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'अर्थ चरणों में रहे, मस्तक पर कभी अर्थ ना चढ़ने पावे. मस्तक तो सिर्फ भगवान के लिए है. अर्थ चरणों में, मस्तक पर भगवान और वाणी में शास्त्र सम्मानित शब्द, तो सदैव विजयी रहोगे.

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'जहां कहीं हमारे अंदर अर्थ की प्रधानता आ जाएगी, दिमाग अर्थ में हो जाएगा, वहां हार जाएंगे.'

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'संसार में अर्थ ही सब कुछ नहीं होता, एक प्रतिष्ठा भी होती है. तो आप पीछे भी जैसे आए थे तो आपको यही कहा था कि बहुत सावधान क्योंकि अगर 100 लोग आपको प्रणाम करने वाले हैं तो पांच आपको गिराने वाले भी हैं.'

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'सदैव धर्म का आश्रय रखना और वाणी से शास्त्र सम्मत बातें बताना. जो नहीं पढ़ा, बोल दीजिए हमें नहीं पता. भगवत प्राप्ति की चर्चा कीजिए.'

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'जैसे कोई प्रश्न करता है तो ऐसे जरूरी नहीं कि हर प्रश्न का उत्तर हम दे दें. जरूरी नहीं है कि अनाधिकारी को उत्तर दिया जाए.'

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