ईश्वर की शरण में जाकर हर इंसान अपने लिए सुख की कामना ही करता है. लेकिन 3 तरह के लोगों के भाग्य में सुख कभी स्थायी नहीं रहता है.
वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि 3 तरह के लोग जीवन में कभी सुख नहीं पाते हैं. अगर इन्हें सुख मिल भी जाए तो वो ज्यादा दिन नहीं ठहरता है.
व्याभिचारी लोग वो होते हैं जो अपनी पत्नी या प्रेमिका के अलावा किसी दूसरे के साथ संबंध रखते हैं. प्रेमानंद महाराज कहते हैं ऐसे चाल चलन का इंसान जीवन में कभी सुखी नहीं रहता है.
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, दुश्चरित्र या दुराचारी किस्म के लोग जीवन में कभी सुखी नहीं रहते हैं. इन्हें सुख मिल भी जाए तो वो ज्यादा दिन तक नहीं टिकता है.
दूसरों पर अत्याचार करने वाले लोग भी जीवन में ज्यादा दिन सुखी नहीं रहते हैं. इसलिए लोगों को यातनाएं देकर पाप मोल न लें.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि इंसान की हर कुरीति पर ईश्वर की नजर है. जिस दिन काल की नजर पड़ेगी, सारे दुष्कर्मों का हिसाब हो जाएगा.
ध्यान रहे कि ईश्वर निर्दयी नहीं हैं. बल्कि तुमने जो पाप किए हैं, काल सिर्फ उनका हिसाब करता है. इसलिए इन गलतियों से बचें.