11 Aug 2024
AajTak.in
प्रेमानंद महाराज का सत्संग अब सरहद पार पाकिस्तन में भी सुना जा रहा है. कुछ समय पहले पाकिस्तान से एक शख्स उनसे मिलने वृंदावन पहुंचा था.
PAK से आए युवक ने बताया कि वो राधा माधव की रोज सेवा कर रहा है और हरि नाम भी जप रहा है. लेकिन वहां उसे साधु संगति नहीं मिल पाती है.'
'दूसरा, हमने कहीं सुना था कि मोबाइल पर सत्संग सुनने से मोबाइल पर ही भगवान मिलेंगे. क्या फोन पर सत्संग सुनना सही है?'
इस पर प्रेमानंद जी ने कहा, 'कलियुग में यंत्रों के द्वारा साधु संगति प्राप्त हो सकती है. भारत में रहने वाले लोग भी रोज वृंदावन आकर सत्संग नहीं सुन सकते हैं.'
'इसलिए हमने श्री जी की आरती, सत्संग और सेवा सबकुछ सोशल मीडिया पर डालने की अनुमति दी हुई है. आप रोज इसे सुन सकते हैं. देख सकते हैं.'
'वृंदावन का आनंद आपको मोबाइल पर मिल जाएगा. वैसे भी पाकिस्तान तो अपना ही घर है. बांग्लादेश, पाकिस्तान ये सब हमारे घर के हिस्से ही तो हैं.'
'लोग तो अमेरिका में बैठकर सत्संग सुन रहे हैं. बस मोबाइल के दोष से बचिए. इस यंत्र का दोष भी इतना व्यापक है कि नई पीढ़ी बर्बाद हो रही है.'
'ऐसा नहीं है कि सिर्फ सामने बैठकर सत्संग सुनने से ही आपको लाभ होगा. लोगों ने मोबाइल पर सत्संग सुनकर बुरी आदतों का त्याग किया है, फिर हमसे जुड़े हैं.'
'मोबाइल पर आने वाला सत्संग भी प्रगट सत्संग ही है. वो निष्फल नहीं जाएगा. मोबाइल पर सुनने के बाद अगर आचरण बदला है तो समझिए सत्संग सुनना सफल हुआ.'